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क्या 1 और WORLD WAR शुरू होने जा रहा है? Russia Ukraine पर करने जा रहा है हमला।
वर्तमान में लगभग 100,000 russian सैनिक ukraine बॉर्डर पर घात लगाए बैठे है। जाने कब कुछ हो जाए कोई अंदेशा लगाना मुश्किल है। कब एक देश का नामों निशान दुनिया के मानचित्र से खतम हो जाए इसका कोई कुछ नहीं कह सकता।
क्या है मामला?
हाल हीं गुजरे कुछ महीनों में रूस ने यूक्रेन के साथ लगी अपनी सीमा पर एक लाख से अधिक सैनिकों व मिसाइल प्रणालियों से लेस युद्ध का एक बड़ा बेड़ा तैयार किया है।
पिछले कुछ हफ्तों की गतिविधियों को देखा जाए तो कह सकते है की Russia Ukraine के बीच जंग छिड़ सकती है। Russia ने एक लाख से ज्यादा सैनिकों को यूक्रेन के बॉर्डर पर तैनात कर दिया है। और यह कोई सीमा संबंधी मतभेद नहीं है किन्ही दो देशों के बीच। यहा पर असल में खतरा यह है के Russia Ukraine देश को कब्जा सकता है। यानी पूरे के पूरे ukraine देश को अपने अंदर समा लेगा। मतलब यूक्रेन देश खतम हो जायेगा। अमेरिका सहित यूरोपीय देशों ने russia को चेताया है के अगर रूस द्वारा ऐसा किया जाता है है तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। और चीन जेसे देशों ने russia को खुलेआम समर्थन दिया है इस मामले पर, इसका मतलब यह दुनिया के सारे बड़े देश एक या दूसरी तरफ को चुके है इस जंग में इसलिए यह भी कहा जा रहा है की अगर ऐसा होता है, अगर russia यहां पर जंग छेड़ देता है तो इससे WORLD WAR 3 का खतरा होने की संभावना बढ़ जाती है।
क्यों हों रहा ऐसा ?
इस मामले को गहराई से समझने के लिए हमे इतिहास में जाना पड़ेगा Russia Ukraine के। अधिकांश लोग इस मामले की शुरूआत साल 1991 की बात करते है यानी के थे वो साल जब USSR के 15 टुकड़े हुए थे अलग अलग देशों में जिनमे से सबसे बड़ा देश Russia बना और तब यूक्रेन भी USSR का ही हिस्सा था। जो अलग हुआ 1991 के बाद। अब थे पढ़कर आपको लग्गेगा की यह कहानी INDIA ओर PAKISTAN के इतिहास से काफी मिलती जुलती है क्योंकि 1947 से पहले इंडिया पाकिस्तान बांग्लादेश एक ही देश की तरह हुआ करते थे तो थे सोचकर आपको लगे कि यूक्रेन और रशिया को वापस से एक देश बना देना कोई गलत चीज नही होगी लेकिन हमारा ऐसा सोचना सही नही है क्योंकि 1921 में LENIN की RED ARMY ने यूक्रेन को कब्जाया था फिर साम्यवादी रूस क्रांति के बाद 1922 में ussr की स्थापना की गई जो की एक यूनियन था 15 अलग अलग सोवियत समाजवादी देशों का, इनमे से एक देश था यूक्रेन समाजवादी गणराज्य। तो सवाल यह आता है की इससे पहले यूक्रेन क्या था यूक्रेन एक आजाद देश था लेकिन इसे इसकी आजादी 3 साल पहले ही मिली थी 1918 ,इस यूक्रेन को आजादी मिली थी रशियन साम्राज्य से। और रूसी साम्राज्य जेसे की आप जानते है रूसी साम्राज्य 1917 में खतम कर दिया गया था रशियन क्रांतिकारियों द्वारा। तो साधारण तो पर यूक्रेन रशिया का हिस्सा था लेकिन इसे आजादी मिली उसके बाद जिन लोगो ने रूसी साम्राज्य को खतम किया उन लोगो ने ही जाके वापस से यूक्रेन को कब्जा लिया। इसमें ऐसा समझ सकते है की यह ukraine राष्ट्रवादी भावना समाई हुई है थे कोई एसी बात नही के सिर्फ 1991 के बाद पैदा हुई हो, यह भावना Ukraine के लोगो में काफी लंबे समय से है। रोचक यह है की के 1991 के बाद क्या हुआ।
1991 के बाद ऐसा क्या हुआ ?
जब सोवियत संघ के टुकड़े हुए तो कुछ यूक्रेन के लोगो ने चैन की सांस ली क्योंकि उन्हें लगा कि उनके देशों को आखिरकार आजादी मिल गई है सोवियत संघ से। उसके बाद से ही यूक्रेन ने Europian union का रुख कर लिया व यूरोप का हिस्सा बनने की इच्छा जाहिर की। लेकिन दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग थे जिनके मन के अंदर रुस के लिए काफी भावनाये थी जो अपने आप को रूस का समझते थे उनका मानना था कि रूस और यूक्रेन के लोग एक तोड़ पर काफी मिलते जुलते है । ऐसी सोच वाले लोगो को slavic लोगो की श्रेणी में माना जाता है।
कोन है SLAVIK लोग ?
यह लोग इस और यूक्रेन दोनो में पाए जाते है। यह कोई जाति विशेष या प्रजाति नहीं है यह वह लोग है जो रूस और यूक्रेन को एक साथ देखना चाहते है। दोनो तरफ बसे ऐसे लोगो के धर्म भी एक तोड़ पर समान है उनमें कोई ऐसा खास फर्क नहीं है। यह अधिकांश christian हैं। तो इन लोगो के लिए जो 1991 में वह एक विभाजन की तरह था इनके लिए वह आपदा वाला बात थी।
अब इस तरह के लोग थे Vladimir Putin जो पिछले ही हफ्ते बता रहें थे एक सोवियत संघ का बटवारा एक बड़ी मानवता के आपदा थी जिसमे 2.5 करोड़ से ज्यादा रूस के लोग अचानक से अलग हो गए थे रूस से और अपने अलग अलग स्वतंत्र देशों में बट गए। इससे संबंधित Kremlin नामक वेबसाइट में एक लंबा अनुच्छेद लिखा गया की जिसमे पुतिन कहते है कि यूक्रेन और यूक्रेन के लोग एक अहम हिस्सा है रूस के इतिहास और रूस को संकृति का। तो सीधा Putin Ukraine को रूस का ही हिस्सा मानते है लेकिन यूक्रेन के लोगो का क्या।
जानते है ukraine के लोगो को?
जो पूर्वी यूक्रेन में रहते है वो लोग रूस से सटी बॉर्डर पर है वहा के लोग ज्यादातर रूस के साथ रहना पसंद करते है लेकिन सब तरह से पूरे देश की बात करे तब तो अधिकतर से थोड़ा सा ज्यादा लोग यूरोपियन यूनियन से जुड़ना पसंद करते है, एक स्वतंत्र देश बने रहने के साथ है।
क्या चाहते है ukraine के राजनेता?
देखा जाए तो यूक्रेन के राजनेता भी 2 अलग अलग हिस्सों में बटे है। एक समूह है रूस के साथ और एक है यूक्रेन को स्वतंत्र देश बने रहने के साथ। एकता के आधार बात करे तो 2017 के अप्रैल में एक सर्वेक्षण किया गया था किसके अनुसार 53% यूक्रेन के लोग यूरोपियन यूनियन से जुड़ना चाहते है और 46% लोग यूक्रेन के लोग Nato से जुड़ना चाटे है।
क्या है NATO?
इसका पूरा नाम NORTH ATLANTIC TREATY ORGANISATION है। यह देशों का समूह है जो यूरोप और अमेरिका के देशों का से मिलकर बना है जो की एक तरह से रूस के खिलाफ है। एक संधि के अनुसार अगर इस समूह के किसी भी एक देश पर कोई प्रकार का हमला होता है तो वह हमला समूह के सब देशों पर माना जायेगा। और समस्त देश उस प्रभावित देश कि रक्षा के लिए आयेंगे।
मुख्य घटना:
1 मई 2004: यह एक बड़ा ऐतिहासिक दिन था यूरोपियन देशों के लिए। यह वह दिन था जिस दिन यूरोपियन यूनियन में 10 नए देश शामिल हुए। खास बात यह है की इन 10 में से 8 ऐसे देश थे जो या तो सोवियत का हिस्सा हुआ करते थे या उसके साथ हुआ करतें थे। इनमे 3 ऐसे देश थे जिन्हे Baltik देश कहा जाता है। जिसमे Ashtonia Latvia और Lithuania है। नक्शे पर देखे तो इनकी सीमा रूस से मिलती है और यह सीमा मिलने वाला हिस्सा काफ़ी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 3 देश यूरोपीयन यूनियन व NATO का हिस्सा है। जो को रूस के नजरिए से एक तरह का खतरा है रूस के लिए। और अब इन देशों की राह पर युक्रेन भी चलना चाहता है जिसे रूस हर हाल में रोकना चाहता है।
क्या परेशानी हो रही है russia को Ukraine से?
असल में देखा जाए तो रूस एक तरफ जापान जो की Nato का हिस्सा है और दूसरी तरफ यूरोपिय देशों व अमेरिका जेसे देशों के Nato समूह से घिर चुका है। देखा जाए तो रूस पर इसका दबाव तो पड़ेगा ही क्योंकि वो चारो तरफ से घिर चुका है। ठीक ऐसे ही Ukraine यदि NATO या यूरोपियन यूनियन का हिस्सा बन जाता है तो रूस को बहुत से देशों का सामना करना पड़ेगा वह रूस कभी नहीं चाहता।
क्या है आज की स्तिथि ?
इतना कुछ करने के बाद रूस ने देखा कि यूक्रेन और NATO का झुकाव एक दूसरे ले प्रति काफी बढ़ रहा है। तो अब रूस ने सेना जमा करनी शुरू कर दी है एक लाख से ज्यादा फौजी व टैंक और मिसाइल तैनात कर दिए है। जंग पर जाने के लिए रूस अपने आप को तैयार कर रहा है।