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Omicron ओमिक्रोन से फिर आ सकती है तबाही : ओमिक्रोन ( omicron ) से यूएन ( सयुक्त राष्ट्र ) ने चेताया भारत को
अब तक हमने क्या जाना ओमिक्रोन ( omicron ) के बारे मे ??
11 नवंबर, 2021:
यह नया संस्करण पहली बार 11 नवंबर, 2021 को बोत्सवाना में और 14 नवंबर, 2021 को दक्षिण अफ्रीका में लिए गए कोरोना सैंपल में पाया गया था।
24 नवंबर 2021:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को SARS-CoV-2, B.1.1.1.529 के एक नए संस्करण की सूचना दी गई।
26 नवंबर, 2021:
WHO ने इसे B.1.1.1.529 Omicron नाम दिया और इसे वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न (खतरनाक) के रूप में वर्गीकृत किया।
30 नवंबर, 2021:
अमेरिका ने ओमाइक्रोन को चिंता की श्रेणी मे रखा
देखते ही देखते यह वेरिएंट विश्व के अधिकांश देशों मे अपना व्यापक असर दिखाने लगा ।
omicron का भारत में प्रकोप
आइक्रॉन भारत में प्रमुख कोरोनावायरस संस्करण बन गया है।
देश में गत वर्ष अप्रैल,जून महीनो मै लगभग 2,40,000 लोगों की मौत कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की वजह से हुई थी। इस वैरिएंट से देश ने आर्थिक हालातों का सामना किया था।
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन ( omicron ) के बढ़ते संक्रमण के बीच भारत एक बार फिर उसी खतरे की ओर अग्रसर हो रहा है, जिसका मंजर पिछले साल सारे देश मै देखा गया था। इसी को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने भारत को स्पष्ट चेतावनी जारी की है। यूएन ( सयुक्त राष्ट्र ) की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पिछले साल अप्रैल,जून में लगभग 2,40,000 लोगों की मौतें कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की वजह से हुई थी। इस वैरिएंट ने समस्त भारत देश मै आर्थिक संकट उत्पन्न किए थे। एक बार फिर से दोबारा से ठीक वैसे ही हालात भारत में बन देखने को मिल रहे हैं। ऐसे हालात मै कोई गलतफहमी मे रहने की कोई जरूरत नहीं है।
विदेश से लोट रहे देशवासी यात्री को स्तिथि की परवाह किए बिना यात्रा के 48 घंटों के भीतर एक नकारात्मक COVID-19 परीक्षा परिणाम देना होगा।
कोरोनावायरस का अत्यधिक संक्रामक ओमाइक्रोन संस्करण देश में व्यापक रूप से फैल रहा है हालांकि कुछ राज्य दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावित हुए हैं .
Omicron पर यूएन ( सयुक्त राष्ट्र ) का सुझाव
गलतफहमी में न रहे भारत, गत वर्ष हुई थी 2.40 लाख से ज्यादा मौतें, फिर से उत्पन्न हो सकते है वही हालात ।
यूएन ( सयुक्त राष्ट्र ) का सुझाव है संपूर्ण वैश्विक सहयोग के बिना खतरनाक महामारी से निपटना संभव नही है ।
संयुक्त राष्ट्र में आर्थिक और सामाजिक मामलों के सचिव का कहना है कि कोविड-19 के नए संस्करण से निपटना वैश्विक सहयोग के बिना असंभव है। जब तक की वैक्सीन सभी तक नहीं पहुंचती , तब तक महामारी वैश्विक आर्थिक विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा बनी रहेगी । भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक , अब तक 154 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। कोरोना की दूसरी लहर ने देशभर अत्यंत दुखदाई कहर बरपाया था । कही यह ना हो के यह हमे फिर से देखने को मिले । देश पहले से गत 3 वर्षो से कई सारी परेशानियों से जूझ रहा है ।
विश्वभर के अन्य देशों ने ओमाइक्रोन के प्रसार को रोकने के लिए नए कदम उठाए हैं।
Omicron से अमेरिका में मचा है हाहाकार ।
संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट तब सामने आई है, जब अमेरिका में ओमिक्रोन ( omicron ) वैरिएंट विकराल रूप धारण कर चुका है। हालात ये हो गए हैं कि कई राज्यों में मेडिकल ढांचा पूरी तरह से चरमरा गया है और व्हाइट हाउस को कई प्रांतों में सेना को उतारना पड़ा है। जानकारी के मुताबिक, अमेरिका में गुरुवार को अस्पतालों में पिछले 24 घंटे अंदर 1,42,388 मरीज भर्ती किए गए। हालात बेकाबू होते देखकर राष्ट्रपति जो बाइडन ने मिशिगन, न्यूजर्सी, न्यू मेक्सिको, न्यूयॉर्क, ओहायो और रॉड आईलैंड के अस्पतालों में मदद के लिए सैनिक रवाना किए हैं।
फ्रांस मै भी हाल बेहाल
फ्रांस ने दर्ज किए नए 100,000 केस । इसी को देखते हुए फ्रांस ने सुरक्षा प्रबंध तेज कर दिए है । जिसमे सार्वजनिक परिवहन , लंबी दूरी के मार्गों सहित, के साथ साथ सिनेमाघरों, थिएटरों और खेल सुविधाओं में खाने-पीने की खपत पर प्रतिबंध लगा दिया है । फ्रांस सरकार ने यह कदम बढ़ते कोरोन वेरिएंट ओमिक्रोन ( omicron ) को मध्यनजर रखते हुए उठाया है ।
राजधानी पेरिस की स्वास्थ्य सेवा के अनुसार , पेरिस क्षेत्र में 100 जांचों में से 1 व्यक्ति पॉजीटिव पाया गया । जिनमे से अधिकांश नए संक्रमण ओमिक्रोन ( omicron ) से जुड़े थे, सरकारी विशेषज्ञों का अनुमान है कि फ्रांस में ऐसा ही चलता रहा तो तनाव ओर बढ़ जाएगा ।
ब्रिटैन मै हालात बेकाबू
ब्रिटैन (यूनाइटेड किंगडम) मे टीकाकरण की स्थिति की परवाह किए बिना यात्रियों को देश के भीतर दूसरे दिन ही क्वारेंटाइन और कोरोना परीक्षण करवाना अनिवार्य है। एक बार उनका नकारात्मक परीक्षण परिणाम आने के बाद वे देश में अपनी यात्रा जारी रख सकते हैं ।