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क्यों कर रहे बिहार और उतर प्रदेश के छात्र आंदोलन 1 RRB NTPC के विरोध में ?
26 जनवरी को जब सारा देश गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा था वही कही से एक खबर आती है की छात्र के गिरोह द्वारा एक रेल को जला दिया जाता है। इस बीच यह पता चलता है की बिहार और उत्तर प्रदेश के भिन्न भिन्न इलाको से छात्र आंदोलन पर उतर आए है व उनके द्वारा कई सार्वजनिक व सरकारी संपतियो का नुक्सान करने को देखने को मिलता है। उसके बाद पुलिस के द्वारा इन आन्दोलन करने वाले छात्रों को पीटने जेसी घटनाएं देखने को मिली। और इस खबर से एक दिन पहले यह देखा गया की पुलिस द्वारा छात्रों को उनके निवास स्थान पर जकार के मारा पीटा गया। यह सब सुन कर आपके जहां में सवाल उठेगा की ऐसा क्या हो गया की इतनी भारी संख्या में छात्रों द्वारा आंदोलन देखने को मिले और वो भी इतने हिंसक तौर पर देखने को मिले। आइए जानते है इसकी अहम वजह के बारे में।
क्या है मामला?
बिहार में रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB NTPC) की परीक्षा के परिणाम के खिलाफ बिहार व यूपी में कई जगहों पर छात्रों द्वारा आंदोलन देखने को मिले।
क्या है RRB NTPC?
रेलवे भर्ती बोर्ड का RRB NTPC non technical popular categories एग्जाम यह एक ऐसी परीक्षा है जिसमे कई तरीके की नौकरी की भर्ती के लिए एग्जाम करवाया जाता है। जेसे की रेलवे की भिन्न भिन्न विघप्तियां ट्रेन असिस्टेंट, ट्राफिक असिस्टेंट,गुड्स गार्ड्स,जूनियर क्लर्क, टाइमकीपर व स्टेशन मास्टर। इन समस्त नौकरियों को अलग अलग स्तर पर विभाजित किया गया है। यह एग्जाम 2 से लेकर के 6 स्तर में अलग अलग नौकरियों के हिसाब बांटा गया है।
क्यों कर रहे है छात्र आंदोलन?
असल की मसला यह है की यह जो RRB NTPC का एग्जाम था 2019। इसकी जानकारी दी गई थी 28 अक्टूबर 2019 को लेकिन कोरोना के चलते यह एग्जाम आगे बढ़ गया ओर आखिर में कराया गया 28 दिसम्बर 2020 से लेकर 31 दिसम्बर 2020 तक। कुल मिलाकर यह एग्जाम तकरीबन 35000 रिक्त पदों के लिए करवाया गया था और लगभग 1.4 करोड़ लोगो ने यह एग्जाम दिया था। तो आप अंदाजा लगा सकते हो के कितने ज्यादा करोड़ों में लोग इन कुछ हजार नौकरियों को पाने की जद्दोजहद कर रहे थे। अब एग्जाम करवाए जाने के करीब 5-6 महीने के बाद परिणाम घोषित किया जाता है 15 जनवरी 2022 को , यह सीबीटी 1 का रिजल्ट था और इस रिजल्ट के तौर पर 7 लाख उम्मीदवारों को छाटा जाता है जो सीबीटी 2 का एग्जाम लिख सकते है। अब RRB NTPC का कहना था कि जितने भी रिक्त पद है उसका 20 गुना संख्या में उम्मीदवारों को सीबीटी 1 के बाद सीबीटी 2 की परीक्षा में बैठने दिया जायेगा। लेकिन दिक्कत यह है के जब यह रिज़ल्ट आया तब देखा गया के कुछ छात्रों को दो से तीन बार गिना जा चुका है। तो यहां पर 7 लाख छात्र असल में है ही नही जो सीबीटी 2 एग्जाम देंगे। जो देखा बार बार गिने जाने के कारण लगभग 3.80 लाख छात्र ही हुए जिनमे से कई छात्र है जिनका नाम 2 से 3 बार गिन लिया गया। तो असल में छात्र 20 गुनाह थे ही नहीं। तो इसी के चलते भिन्न भिन्न इलाको से छात्र आंदोलन पर उतर आए। वैसे छात्रों ने अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए अनेक प्रयास किए लेकिन इनकी बात पर किसी के द्वारा ध्यान नहीं दिया गया।
दूसरी ओर देखें तो सिर्फ RRB NTPC वाले छात्र आन्दोलन नहीं कर रहे थे रेल्वे ग्रुप D वाले छात्र भी आंदोलन कर रहे थे। RRB NTPC ने ग्रुप D लेवल 1 की जानकारी मार्च 2019 में दी थी। यह एग्जाम भी कोरोना की वजह से आगे बढ़ा लेकिन अब अचानक से इन्होंने एक नई सूचना जारी के अब यह एक एग्जाम नही लेंगे बल्के 2 एग्जाम लेंगे। मतलब यह सब कुछ 2019 में नही बताया गया एकदम एग्जाम से 1 पहले उनके द्वारा नई सूचना जारी की गई। इनके द्वारा कहा गया के यह परीक्षा फरवरी 2022 में होगी और अब यह 2 स्तर पर एग्जाम होंगे। मतलब के छात्रों को ज्यादा वक्त नहीं दिया गया तैयारी करने के लिए और यह सब चीजे वक्त रहते नही बताई गई। तो बहुत से पिछड़े वर्गो से लोग इन जेसे एग्जाम को लिखने के लिए फॉर्म भरते है मगर फिर भी यह एग्जाम होते नही है और होते है तो 2 साल 3 साल आगे बढ़ जाते है। किसकी वजह से छात्र तैयारी नही कर पाते है व हार मान लेते है। सोचिए के कोई गरीब तबके का छात्र इस एग्जाम को देने के लिए जी तोड़ मेहनत करता है फिर भी वह ऐसे प्रक्रमो के चलते नौकरी नहीं लगे तो उसकी तो सारी जिंदगी निकल जाती है ऐसे विवादित परीक्षा प्रक्रमों के चलते।
यही कारण थे के ढेर सारे छात्र सड़को पर उतरे प्रदर्शन और विरोध करने के लिए खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश के इलाको से। इसी करना कुछ जगहों पर बदकिस्मत से यह आंदोलन हिंसक भी हो गया। यह जो हिंसा हुई पुलिस और छात्रों दोनो द्वारा देखने को मिली। एक तरफ छात्रों द्वारा चीज को तोड़ने फोड़ने , आग जलाने वे दूसरी तरफ पुलिस द्वारा बर्बरता बरतने जेसे मामले देखने को मिले।
रेल्वे द्वारा RRB NTPC परीक्षा को रद्द कर दिया गया
विरोध हिंसक हो जाने के अब से रेल्वे द्वारा परीक्षा को रद्द कर दिया गया व इस संदर्भ में कहा गया की रेलवे की कमेटी छात्रों द्वारा की शिकायतों पर जांच की जाएगी और गहराई से समझा जायेगा।
क्या समाधान निकाला गया रेलवे द्वारा ?
इस कमेटी के प्रमुख नियुक्त किए गए है श्री दीपक पीटर जो है एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रेल्वे रिलेशन्स बोर्ड के। इसी के साथ कहा गया है के छात्र अपनी शिकायत रेलवे की वेबसाइट पर लिखकर भेज सकते है जिनकी जांच कमेटी द्वारा की जाएगी।
क्या रहे पुलिस के कदम ?
पुलिस द्वारा बिहार और यूपी के कई शिक्षको के खिलाफ आईपीसी धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किए गए जिनमें प्रमुख खान सर , नवीन , अमरनाथ, जगन प्रताप और गोपाल वर्मा जेसे कई और शिक्षक है जिनके खिलाफ फिर दर्ज की गई और ढेर सारे आईपीसी सेक्शंस के अंदर इन्हे बुक किया गया। हा हिंसा किसी भी तरह से सही नहीं ठहरती लेकिन देश के लोगो की आवाज को दबाने जेसे इरादों से अगर नागरीको को जेल भेजा जाए व उन पर केस दर्ज किए जाए तो यह केसा इंसाफ है।
पहले भी देश में ऐसे बुरे बरताव देखे गए जो की पुलिस द्वारा अंजाम दिए गए जेसे इससे पहले NEET की परीक्षा को लेकर डॉक्टर आन्दोलन व विरोध कर रहे थे, जामिया का मामला जैसा आप जानते ही होंगे इन सब में पुलिस द्वारा सही प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली।