Marlin मछली के हमले से 1 मछुवारे की मौत। Man dies from fish attack। जाने इस खतरनाक मछली के बारे में ।

विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश ।
Marlin नामक मछली ने विशाखापत्तनम तट पर एक मछुआरे को मार डाला।

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक Marlin fish attack से मछुवारे की मौत हों गई। बताया जा रहा हैं को 1 फरवरी की शाम को 5 मछुवारे अपनी नाव से मछली पकड़ने गए थे। किनारे से लगभग 8 किलोमीटर अंदर जाकर उन्होंने अपना जाल बिछाया। और फिर अगली सुबह उन्होंने अपने बिछाए हुए जाल में कुछ मछलियों को फसा हुआ पाया। जाल के भारी हो जाने की वजह से वो उसे नाव में वापस नहीं खीच पा रहे थे जिसके बाद एक मछुवारा पानी में उतरकर जाल को नाव के अंदर ढकेलने की कोशिश करने लगा। उसी वक्त एक मछली ने मछुवारे पर काफी जोरदार हमला किया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई, बाद में बाकी बचे मछुवारे उसके शव को घर ले आए।

कोनसी मछली थी ?

वापस लोटे मचुवारो की मने तो बताया जा रहा है एक कोम्मू कोनम (Marlin) नामक मछली ने उस पर हमला किया था यह 1 सींग वाली मछली मानी जाती है।

Marlin

कोम्मू कोनम (Marlin) को लेकर जीव विशेषज्ञ की राय ?

आंध्र प्रदेश की विश्विद्यालय की प्रोफेसरों Manjulata के अनुसार एक कोम्मू कोनम (Marlin) मछली का वजन 250 किलो तक हों सकता है। यह समूह में चलती है, इसलिए इनके जल में फसने का खतरा ज्यादा रहता है। अगर इस मछली को किसी अन्य चीज से खतरा महसूस होता है तो वो अपने तलवार जेसे सींग से हमला कर देती है। बाज़ार में इसकी काफी ज्यादा मांग है। इसे अन्य देशों मे भी भेजा जाता है। इसे आधिकांश तौर पर जाल से बाहर निकाले बिना ही बेच दिया जाता है। प्रोफेसर Manjulata के अनुसार समुद्र तट से 6 मील दूर यह मछली पाई जाती है। जितनी इसकी मांग है उतना ही इसे पकड़ने में खतरा भी है।

स्थानीय मछुवारों की इस मछली को लेकर अपनी राय ?

साथी मछुवारा गांगना ने बताया कि कोम्मू कोनम (Marlin) मछली बहुत मुश्किल से जाल में फसती है और अगर फस भी गई तो जाल को फाड़ कर बाहर निकल जाती है उसके अनुसार इस Marlin का आकार काफी बड़ा होता है इसलिए अगर यह जाल में फस जाति है तो सब खुश होते है।

क्या रही पुलिस की प्रतिक्रिया ?

पुलिस के अनुसार यह दुखद घटना तब हुई जब मछुआरे पर विशाल Marlin ने हमला किया जो कि सबसे आक्रामक व खतरनाक मछलियों में से एक है और भाले की तरह आगे से तीखी है। इस ब्लैक Marlin को स्थानीय रूप से (कोम्मू कोनम) के रूप में भी जाना जाता है। यह मामला विशाखापत्तनम के परवाड़ा मंडल में मुथ्यालम्मा पालम पंचायत के एक मछुआरे का है। 40 वर्षीय मोली जोगन्ना ने 1 फरवरी की शाम को उसी गांव के चार अन्य लोगों के साथ मछली पकड़ने के लिए गहरे समुद्र में कदम रखा था और मछली पकड़ना शुरू किया व अगली सुबह तक पकड़ते रहे। अगली सुबह करीब 7 बजे उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने सच में कुछ बड़ा पकड़ लिया है। मछलियों के वजन के कारण मछुआरों को अपनी नाव में जाल खींचने में दिक्कत पेश आ रही थी ऐसे में मौली जोगन्ना ने पानी में उतरकर जाल समेटने का विचार किया। बताया जा रहा है कि Marlin जिसका वजन लगभग 70 किलोग्राम था जाल से निकल गई और अपने तेज तीखे मुंह से जोगन्ना के पेट में छेद कर दिया ऐसा होते ही अन्य मछुआरों द्वारा बचाव के प्रयास किए गए लेकिन वह विफल रहे जिससे जोगना की मृत्यु हो गई। ऐसे में साथी मशक्कत के बाद जोगन्ना के शरीर को किनारे पर लेकर आ गए।
Parwada के पुलिस अधिकारी ISHWARA RAO के अनुसार साथी मछुवारों ने Joganna पर हुए हमले को जानकारी पुलिस को वक्त रहते दे दी थी। Joganna के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस अधिकारी ISHWARA RAO के अनुसार Marlin के हमले के रूप में उनके सामने ऐसा मामला पहली बार आया है।

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