कर्नाटक में नहीं थम रहा Hijab पर विवाद।
अब भारत के अलावा और भी जगह होने लगा विवाद और मुस्लिम छात्रों के लिए के पक्ष में कर रहे आंदोलन.
Hijab पर विवाद क्यू हो रहा है केसे हो रहा ही तथा किस वजह से हो रहे हे जानने के लिए हमारा आर्टिकल पढ़े.
तो दोस्तों जैसा की आपको मालूम हे पूरे भारत में Hijab जो की मुस्लिम लड़कियां सर को कवर करने के लिए पहनती हे को बोलते हे जो की संविधान के अनुच्छेद 14 ओर 25 के अनुसार उनका एक अधिकार हे की वो कुछ भी पहन सकते ही और किसी भी धर्म की अनुपालन कर सकते हैं.
राज्य में Hijab पर विवाद की शुरुआत जनवरी में हुई थी राज्य के उडुपी जिले के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में 7 छात्राओं को Hijab पहनने के कारण कक्षा में प्रवेश नहीं दिया गया था।
लेकिन यह विवाद और भी बढ़ गया हे जैसे की विभिन्न विभिन सोशल मिडिया पर ट्रेंड चलाया जा रहा ही जिसमे #Hijabisourights #Hijab #supporthijab तथा इंस्टाग्राम पर भी एक ट्रेंड चलाया जा रहा ही जिसके अंदर जो जो Hijab को सपोर्ट करता है वो अपना सपोर्ट कुछ इस तरह से व्यक्त कर रहे हे
तथा ट्विटर प्र भी बहुत सारे बड़े बड़े सम्पादको द्वारा भी सपोर्ट व्यक्त किया गया हे. तथा ट्विटर प्र भी ट्रेंड चलाया जा रहा की

हिजाब के विरोध में भगवा शॉल :–
कुंदनपुर के कॉलेज में बुधवार छात्राओं के Hijab के विरोध में करीब 100 छात्र भगवा गमछा पहनकर विरोध दर्ज करा रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिले के विधायक श्रीनिवास शेट्टी ने छात्रों और स्कूल प्रशासन के साथ बैठक की। हालांकि, इस बैठक का कोई भी नतीजा नहीं निकल सका छात्राओं के परिजनों ने कहा कि उनके बच्चों को Hijab पहनने का अधिकार है। स्कूल प्रशासन ने यह बात साफ कर दी है कि छात्र-छात्राओं को स्कूल यूनिफॉर्म का पालन करना होगा।

भद्रावती और कुंदनपुरा में भी यह विवाद :–
राज्य में भगवती में भी सरकारी फर्स्ट ग्रेड के कॉलेज के छात्रों ने भी भगवा गमछा पहन कर इस विरोध का प्रदर्शन किया हे और इस कॉलेज के एमजी जो की प्रिंसिपल ही ने कहा की कॉलेज और स्कूल की यूनिफॉर्म के मामले में सब एक समान हे और इस यूनिफॉर्म में किसी भी तरह के भेदभाव नही होगा और उन्होंने यह भी कहा की उन्होंने कॉलेज के छात्रों और परिजनों को भी इस मामले में सब कुछ जानकारी दे दी हे और यह सब भी सहमत हे लेकिन इसके अलावा भी कुंदरपुरा के भंडारकर कॉलेज में भी हिजाब पहने हुवे छात्रों को प्रवेश निषेध कर दिया गया हे
कब हुआ विवाद शुरू :–
इस विवाद की पूरी जानकारी के लिए आप हमारे यह आर्टिकल पढ़ सकते ही जिसमे हमने पूरी जानकारी को बताया हे और यह विवाद केसे शुरू हुआ तथा कहा से शुरू हुआ और कितना बढ़ चुका हे.

मंत्री बीसी नागेश ने भी कहा :–
मामले पर कर्नाटक सरकार के मंत्री बीसी नागेश का भी बयान सामने आया है। उन्होंने बताया कि इस मामले के समाधान के लिए सरकार एक समिति का गठन करेगी। यह समिति आगामी सत्र तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और सरकार इसके अनुसार दृढ़ फैसला करेगी। मंत्री बीसी नागेश ने आगे कहा कि छात्राएं पहले Hijab नहीं पहन रही थी। यह मामला हाल के 20 दिनों में आया है।
शिक्षा केंद्र को युद्ध का मैदान न बनाए :–
कर्नाटक के मंत्री नागेश ने अपनी रुचि इस तरह व्यक्त की के हम शिक्षा स्थलों को युद्ध का मैदान नही बनने देंगे और न बनने देना चाहेंगे. यह एक पवित्र इस्थल ही और हर तरह के छात्रों को समान अधिकार हे और कोई भी भेदभाव नही होने देंगे.
क्या रहा गवर्मेंट का फैसला :–
कर्नाटक के ग्रह मंत्री ने अभी अभी ऑर्डर निकाला हे की
“स्टूडेंट्स को धर्म के परे भी कुछ सोचना चाइए और यूनिफॉर्म ड्रेस जो की स्कूल और कॉलेज की यूनिफॉर्म होती हे वह एक समानता के प्रतीक हे और मुझे संदेह है कि मुद्दों के पीछे कुछ निहित राजनेतिक स्वार्थ है।”
कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा, ‘Hijab और शॉल दोनों पहनकर कॉलेज परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। राज्य सरकार ने पहले ही इसे मंजूरी दे दी है कि छात्रों को कॉलेज प्रबंधन द्वारा अनुमोदित वर्दी पहननी चाहिए। सभी को इसका पालन करना चाहिए। सभी समान हैं और भारत माता की संतान हैं। यह संस्कार शिक्षण संस्थानों से ही आना चाहिए।”
स्टूडेंट को धर्म से परे सोचना चाहिये :–
कर्नाटक के ग्रह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने कहा की
” छात्रों को धर्म से परे भी सोचना चाइए कर्नाटक के गृह मंत्री ने यह भी कहा की , ”छात्रों को धर्म से परे सोचना चाहिए। वर्दी का पहनावा समानता का प्रतीक है। बच्चे कह रहे हैं कि उन्हें हिजाब चाहिए, लेकिन उन्होंने पहले कपड़े के लिए बहस नहीं की. मुझे संदेह है कि मुद्दों के पीछे कुछ निहित स्वार्थ है।”
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